| 1. | इसे ही न्याय शास्त्र में “पिठरपाक” कहते हैं।
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| 2. | अर्थात न्याय शास्त्र सम्मत मनन सर्वथा आवश्यक है।
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| 3. | यह तो न्याय शास्त्र सिद्धांत के विपरीत होगा।
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| 4. | इसे ही न्याय शास्त्र में “पिठरपाक” कहते हैं।
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| 5. | हमारा जीवन दर्शन न्याय शास्त्र से निर्देशित है ।
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| 6. | गौतम अक्षपाद, न्याय शास्त्र के जन्मदाता हैं।
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| 7. | 4. 1 अपने न्याय शास्त्र पर रॉबर्ट्स का शपथ पत्र
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| 8. | वे न्याय शास्त्र के उद्घोषक व प्रणेता माने जाते हैं।
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| 9. | [5] न्यायविद्या या न्याय शास्त्र इसका नामान्तर है।
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| 10. | अपने न्याय शास्त्र पर रॉबर्ट्स का शपथ पत्र [संपादित करें]
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